उपदेशदाता का कार्य उपदेश देना है लेकिन जिस व्यक्ति मेँ सत्यनिष्ठा नहीँ है और उसे उपदेश दिया जाए, उसे समझाने का प्रयत्न करेँ कि व्यवहार प्रामाणिक होना चाहिए, अप्रामाणिक व्यवहारअच्छा नहीँ है तो वह सुन लेगा। कहने वाला
कहेगा,सुनने वाला सुन लेगा, पर होगा वही, जो चल रहा है। कुछ मनुष्योँ की सबसे बड़ी समस्या है कि वह किसी भी तथ्य की आधारभूमि को नहीँ पकड़ता अपितु जो दिखाई देता है, सामने आता है, उसे पकड़ने का प्रयत्न करता है। इसे इस तथ्य द्धारा भी समझा जा सकता है कि एक शक्तिशाली और एक कमजोर पड़ोसी के बीच अनबन हो जाने पर कमजोर यह सोचकर बदला नहीँ लेता कि सामने वाला शक्तिशाली है। इस कारण वह उससे बदला लेने के लिए उसके परिवार वालोँ या उससे जुड़े अन्य लोगोँ को कष्ट पहुँचाता है। अब यहाँ सार रूप मे यह सत्य उजागर होता है कि यदि कमजोर पड़ोसी ने गुरु द्वारा दी गई शिक्षाओँ का सकारात्मक अर्थ लगाया होता तो वह इस प्रकार का कार्य न करता क्योकि शिक्षा देने वाले दोनोँ के गुरु तो एक ही थे।
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10 comments:
सभी पाठकोँ को नववर्ष की बधाई।
Happy New Year
sahi kaha jis vyakti mein kubudhdhi ho ya vishwa na ho use samjhane se kuchh nhi hoga.
Sanju Aapko bhi Naye Saal ki Mubarak
नववर्ष की बधाई।
बिलकुल सही.
नव वर्ष की शुभकामनाएं !
नववर्ष की बधाई।
Very nice post ..
शांति जी,
जल्दी ही एक हिन्दी ब्लॉग का निर्माण...
Jeewantips
सत्य
sahi kaha ................!!!!!
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